पृष्ठभूमि:
साइमन कमीशन (1927) में कोई भारतीय सदस्य नहीं था, इस कारण पूरे भारत में इसका बहिष्कार किया गया।
👉ऑल पार्टी कॉन्फ्रेंस (1928) में एक सर्वसम्मत भारतीय संविधान तैयार करने का प्रस्ताव आया।
नेहरू रिपोर्ट को तैयार करने की जिम्मेदारी मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता वाली समिति को दी गई।
नेहरू समिति के सदस्य:
1. मोतीलाल नेहरू (अध्यक्ष)
2. अली इमाम
3. तेज बहादुर सप्रू
4. सुब्रमण्य अय्यर
5. शफी अहमद किदवई
6. जी.आर. प्रसाद
7. जवाहरलाल नेहरू (सेक्रेटरी के रूप में)
मुख्य सिफारिशें (Main Recommendations):
1. डोमिनियन स्टेटस की मांग – भारत को स्वशासी ब्रिटिश राष्ट्रमंडल का सदस्य बनाया जाए।
2. संवैधानिक अधिकारों की गारंटी – जैसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आज़ादी।
3. समान नागरिक संहिता – सभी धर्मों के नागरिकों के लिए एक समान नागरिक कानून।
4. संप्रभुता – भारत को आंतरिक मामलों में पूर्ण स्वशासन।
5. अल्पसंख्यकों के अधिकार – धर्म, संस्कृति, शिक्षा की स्वतंत्रता सुनिश्चित।
6. भाषा – हिंदी को राष्ट्रभाषा और लिपि देवनागरी प्रस्तावित की गई।
7. व्यस्क मताधिकार की मांग नहीं की गई (इस पर बाद में जवाहरलाल नेहरू ने असहमति जताई)।
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दोस्तो अगर पूछ लिया जाए कि नेहरू रिपोर्ट को कांग्रेस के किस अधिवेशन में स्वीकार किया गया ?
नेहरू रिपोर्ट (1928) को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1928 के कलकत्ता अधिवेशन (Calcutta Session) में प्रस्तुत किया गया और बहस के बाद सशर्त स्वीकार किया गया।
🔹 महत्वपूर्ण जानकारी – UPSC दृष्टिकोण से:
📅 अधिवेशन 1928 का कलकत्ता अधिवेशन (Indian National Congress)
📍 स्थान कलकत्ता (अब कोलकाता)
🧑⚖️ अध्यक्ष मोतीलाल नेहरू नहीं, डॉ. मुखर्जी (S. Srinivasa Iyengar ने अध्यक्षता से इंकार किया था)
📘 क्या हुआ नेहरू रिपोर्ट पर कांग्रेस ने बहस की और उसे अंतिम चेतावनी के रूप में ब्रिटिश सरकार को भेजने का निर्णय लिया
⏳ अंतिम समयसीमा ब्रिटिश सरकार को एक साल का समय दिया गया कि वह रिपोर्ट को लागू करे — नहीं तो कांग्रेस "पूर्ण स्वराज" की मांग करेगी
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जिन्ना की प्रतिक्रिया:
जिन्ना और मुस्लिम लीग के कई नेताओं ने नेहरू रिपोर्ट का विरोध किया।
जिन्ना ने इसके विरोध में 14 सूत्री मांगें (1929) पेश कीं, जो मुसलमानों को अलग पहचान और अधिकार देने की बात करती थीं।
🔹 MCQ के लिए संभावित प्रश्न:
1. नेहरू रिपोर्ट किस वर्ष प्रस्तुत की गई थी?
(a) 1927
(b) 1928 ✅
(c) 1929
(d) 1930
2. नेहरू रिपोर्ट के अध्यक्ष कौन थे?
(a) जवाहरलाल नेहरू
(b) मोतीलाल नेहरू ✅
(c) सुभाष चंद्र बोस
(d) बी.आर. अम्बेडकर
3. नेहरू रिपोर्ट में निम्न में से किसकी सिफारिश की गई थी?
(a) पृथक निर्वाचिका
(b) पूर्ण स्वतंत्रता
(c) समान नागरिक संहिता ✅
(d) व्यस्क मताधिकार
कुछ ऐसे बिंदु जो हमेशा कन्फ्यूज करते है, आज हम उनको देखेंगे
नेहरू रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों के लिए पृथक निर्वाचन की मांग की गई या संयुक्त निर्वाचन में ही रखा गया?
नेहरू रिपोर्ट (1928) में संयुक्त निर्वाचन (Joint Electorate) की सिफारिश की गई थी, पृथक निर्वाचिका (Separate Electorate) का विरोध किया गया था — यह एक महत्वपूर्ण बिंदु था, खासकर मुस्लिम लीग और जिन्ना की असहमति का मुख्य कारण।
🔹 विस्तार से समझिए:
संयुक्त निर्वाचन का अर्थ: सभी समुदायों (हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि) के लोग एक ही मतदाता सूची में शामिल होंगे और एक ही उम्मीदवार को वोट देंगे। यानी चुनाव धर्म या जाति के आधार पर नहीं, बल्कि सामान्य मतदाताओं द्वारा होगा।
नेहरू रिपोर्ट में क्या कहा गया?
> "भारत में सभी नागरिक समान हैं और किसी विशेष समुदाय के लिए पृथक राजनीतिक व्यवस्था की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
इसलिए, पृथक निर्वाचिका को ख़ारिज कर दिया गया और कहा गया कि:
> "अल्पसंख्यकों को उनकी धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक स्वतंत्रता तो दी जाएगी, लेकिन राजनीतिक रूप से पृथक निर्वाचन प्रणाली नहीं।"
🔹 नतीजा:
मुस्लिम लीग ने इसका विरोध किया और कहा कि मुसलमानों को अपने प्रतिनिधि खुद चुनने का अधिकार (Separate Electorate) मिलना चाहिए।
इसी असहमति से जिन्ना ने बाद में अपनी 14 सूत्री मांगें (1929) रखीं, जिसमें पृथक निर्वाचिका प्रमुख बिंदु था।
********** पोस्ट अपडेट हो रही है।
🔹 UPSC Prelims/MCQ के लिए महत्वपूर्ण बिंदु:
प्रश्न: नेहरू रिपोर्ट (1928) में अल्पसंख्यकों के लिए किस चुनाव प्रणाली की सिफारिश की गई थी?
(a) पृथक निर्वाचिका
(b) आनुपातिक प्रतिनिधित्व
(c) संयुक्त निर्वाचन ✅
(d) सामूहिक मतदान
यह बिंदु भी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है:
नेहरू रिपोर्ट (1928) में "एकात्मक शासन प्रणाली (Unitary Form of Government)" की सिफारिश की गई थी, न कि संघात्मक (Federal) शासन की।
🔹 विस्तार से समझिए:
✅ नेहरू रिपोर्ट में क्या कहा गया था?
भारत के लिए एकात्मक शासन प्रणाली (Unitary System) प्रस्तावित की गई थी।
इसमें केंद्र को अधिक शक्तियाँ देने की बात की गई थी
राज्यों या प्रांतों को सीमित स्वायत्तता दी जाती, लेकिन केंद्र सर्वोच्च होता।
🔸 एकात्मक शासन का अर्थ:
पूरा देश एक ही संविधान और केंद्रीय सरकार के अधीन होता है।
केंद्र सरकार सर्वोच्च होती है और प्रांतों की सत्ता उस पर निर्भर करती है।
मुस्लिम लीग और अन्य अल्पसंख्यकों की आपत्ति:
मुस्लिम लीग चाहती थी कि भारत एक संघात्मक प्रणाली (Federal Structure) अपनाए, जहाँ मुस्लिम-बहुल प्रांतों को अधिक स्वायत्तता मिले।
नेहरू रिपोर्ट में इस प्रकार की संघीय व्यवस्था (Federalism) का समर्थन नहीं किया गया।
🔸 UPSC के लिए ध्यान रखने योग्य बिंदु:
प्रश्न: नेहरू रिपोर्ट (1928) में किस प्रकार की शासन व्यवस्था का प्रस्ताव था?
(a) संघात्मक शासन प्रणाली
(b) एकात्मक शासन प्रणाली ✅
(c) परिसंघात्मक शासन
(d) राष्ट्रपति प्रणाली