📘 तृतीय कर्नाटक युद्ध (1756–1763) –
🔶 पृष्ठभूमि:
भारत में कर्नाटक युद्ध यूरोप की घटनाओं से गहरे रूप से जुड़े थे। तृतीय कर्नाटक युद्ध का संबंध सीधे तौर पर यूरोप के Seven Years' War (1756–1763) से है, जो ब्रिटेन और फ्रांस के बीच लड़ा गया था।
👉 उद्देश्य: भारत में वर्चस्व की लड़ाई – कौन शक्ति व्यापारिक से राजनीतिक सत्ता में परिवर्तित हो सकेगा?
🧭 युद्ध के कारण:
🟠 यूरोपीय प्रतिद्वंद्विता ब्रिटेन और फ्रांस के बीच वैश्विक शक्ति बनने की होड़
🔵 पूर्ववर्ती कर्नाटक युद्धों के अधूरे परिणाम द्वितीय युद्ध के बाद भी वर्चस्व स्पष्ट नहीं था
🟢 डुप्ले और क्लाइव की भूमिका फ्रांसीसी और ब्रिटिश गवर्नर जनरल्स भारत में सैनिक और राजनीतिक दखल दे रहे थे
🔴 बंगाल और डेक्कन में वर्चस्व दोनों शक्तियां भारतीय रजवाड़ों के साथ मिलकर नियंत्रण करना चाहती थीं
🛡️ युद्ध की प्रमुख घटनाएं:
🏰 1. फ्रांसीसी सेनापति का आगमन (1758)
काउंट डी लाली (Comte de Lally) भारत भेजा गया ताकि अंग्रेजों को समाप्त किया जा सके।उसकी नीति असफल रही; उसने मद्रास पर हमला किया पर असफल रहा।
⚔️ 2. बुस्सी की वापसी:
बुस्सी, जो डेक्कन में प्रभावशाली था, वापस बुला लिया गया, जिससे वहां फ्रांसीसी प्रभाव कमजोर हुआ।
⚔️ 3. निर्णायक युद्ध: वांडीवाश का युद्ध (Battle of Wandiwash – 1760)
📍 स्थान: वांडीवाश, तमिलनाडु
🔫 अंग्रेजों के सेनापति: सर आयर कूट (Sir Eyre Coote)
🔥 फ्रांसीसी सेनापति: काउंट डी लाली
✅ परिणाम: अंग्रेजों की स्पष्ट और निर्णायक जीत। डी लाली को बंदी बना लिया गया।
🏴 4. फ्रांसीसी ठिकानों पर नियंत्रण:
पांडिचेरी, चंद्रनगर, क़ारीकल आदि पर अंग्रेजों ने अधिकार कर लिया।
📜 युद्ध का अंत: पेरिस की संधि (Treaty of Paris) – 1763
✅ फ्रांस को भारत में व्यापारिक ठिकाने (फ्रांसीसी उपनिवेश) वापस मिले: पांडिचेरी, माहे, याना, चंद्रनगर
❌ फ्रांस को सैन्य गतिविधियां या किलेबंदी का अधिकार नहीं दिया गया
🛑 फ्रांस को भारत में राजनीतिक हस्तक्षेप से रोक दिया गया
⚖️ ब्रिटिशों का वर्चस्व औपचारिक रूप से स्वीकार किया गया
🔚 युद्ध के परिणाम:
🇮🇳 भारत में अंग्रेजों का वर्चस्व स्थापित, फ्रांसीसी प्रभाव समाप्त
🏢 ईस्ट इंडिया कंपनी अब केवल व्यापारिक संस्था नहीं रही, राजनीतिक शक्ति बन गई
🤝 भारतीय रजवाड़े अब उन्हें अंग्रेजों पर अधिक निर्भर रहना पड़ा
📉 फ्रांसीसी पतन फ्रांस कभी भी भारत में फिर से प्रमुख शक्ति नहीं बन सका
🌍 वैश्विक प्रभाव ब्रिटेन एक वैश्विक साम्राज्य की ओर अग्रसर हुआ
🧠 UPSC के दृष्टिकोण से मुख्य बिंदु:
बिंदु विवरण
✅युद्ध की अवधि 1756 – 1763
✅निर्णायक युद्ध वांडीवाश (1760)
✅अंग्रेजों का सेनापति सर आयर कूट
✅फ्रांसीसी सेनापति काउंट डी लाली
✅पेरिस की संधि – 1763
✅परिणाम भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व की स्थापना, फ्रांसीसी पतन
❓ संभावित प्रश्न (PYQs & Practice)
🔸 Prelims Type MCQ:
Q. वांडीवाश का युद्ध किसके बीच लड़ा गया था?
A) अंग्रेज और डच
B) अंग्रेज और मराठा
C) अंग्रेज और फ्रांसीसी
D) फ्रांसीसी और मुग़ल
🟩 उत्तर: C) अंग्रेज और फ्रांसीसी
🔸 Mains Type Question:
Q. तृतीय कर्नाटक युद्ध भारत में यूरोपीय शक्तियों की अंतिम प्रतिस्पर्धा क्यों सिद्ध हुआ? विस्तृत चर्चा कीजिए।
✍️ निष्कर्ष:
तृतीय कर्नाटक युद्ध केवल एक सैन्य संघर्ष नहीं था, बल्कि भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखने वाला निर्णायक मोड़ था। इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल, डेक्कन और कर्नाटक क्षेत्रों में अपने पैर मज़बूती से जमा लिए।
3rd कर्नाटक युद्ध – UPSC/PCS के लिए 15 प्रश्नों का एक इंटरएक्टिव मॉक टेस्ट
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📋 Mock Test: तृतीय कर्नाटक युद्ध (UPSC/PCS – MCQ Hindi)
कुल प्रश्न: 15 | कुल अंक: 30 | समय: 10 मिनट
प्रश्न 1.
तृतीय कर्नाटक युद्ध किस वर्ष आरंभ हुआ था?
🔘 A) 1748
🔘 B) 1756
🔘 C) 1761
🔘 D) 1763
प्रश्न 2.
वांडीवाश का युद्ध कब लड़ा गया था?
🔘 A) 1757
🔘 B) 1760
🔘 C) 1763
🔘 D) 1764
प्रश्न 3.
तृतीय कर्नाटक युद्ध के समय फ्रांसीसी सेना का नेतृत्व किसने किया था?
🔘 A) डुप्ले
🔘 B) बुस्सी
🔘 C) काउंट डी लाली
🔘 D) मोंटाल्म
प्रश्न 4.
अंग्रेजों का नेतृत्व वांडीवाश के युद्ध में किसने किया था?
🔘 A) रॉबर्ट क्लाइव
🔘 B) सर आयर कूट
🔘 C) वॉरेन हेस्टिंग्स
🔘 D) लॉर्ड क्लाइव
प्रश्न 5.
कौन-सी संधि तृतीय कर्नाटक युद्ध की समाप्ति का कारण बनी?
🔘 A) इलाहाबाद संधि
🔘 B) पेरिस संधि
🔘 C) सालबाई संधि
🔘 D) सूरत संधि
प्रश्न 6.
पेरिस संधि के अनुसार फ्रांसीसी को भारत में कौन-सा कार्य करने की अनुमति नहीं दी गई?
🔘 A) व्यापार
🔘 B) सैन्य किलेबंदी
🔘 C) पांडिचेरी वापसी
🔘 D) समुद्री मार्ग का प्रयोग
प्रश्न 7.
तृतीय कर्नाटक युद्ध किस यूरोपीय युद्ध का हिस्सा था?
🔘 A) सौ वर्षों का युद्ध
🔘 B) सात वर्षों का युद्ध
🔘 C) तीस वर्षों का युद्ध
🔘 D) फ्रेंच क्रांति
प्रश्न 8.
तृतीय कर्नाटक युद्ध के बाद कौन-सी शक्ति भारत में प्रभावशाली रही?
🔘 A) डच
🔘 B) फ्रांसीसी
🔘 C) पुर्तगाली
🔘 D) अंग्रेज
प्रश्न 9.
फ्रांसीसी भारत में मुख्यतः किस स्थान से कार्यरत थे?
🔘 A) मद्रास
🔘 B) चंद्रनगर
🔘 C) पांडिचेरी
🔘 D) कलकत्ता
प्रश्न 10.
बुस्सी किस भारतीय रियासत से संबद्ध रहा था?
🔘 A) बंगाल
🔘 B) मैसूर
🔘 C) हैदराबाद
🔘 D) अवध
प्रश्न 11.
काउंट डी लाली को किस युद्ध में हार का सामना करना पड़ा?
🔘 A) प्लासी
🔘 B) वांडीवाश
🔘 C) बक्सर
🔘 D) पोर्टो नोवो
प्रश्न 12.
वांडीवाश का युद्ध कहां लड़ा गया था?
🔘 A) बंगाल
🔘 B) तमिलनाडु
🔘 C) आंध्र प्रदेश
🔘 D) केरल
प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से कौन-सा युद्ध भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व की नींव के रूप में देखा जाता है?
🔘 A) प्रथम कर्नाटक युद्ध
🔘 B) तृतीय कर्नाटक युद्ध
🔘 C) प्लासी
🔘 D) बक्सर
प्रश्न 14.
पेरिस संधि के बाद फ्रांसीसी व्यापार को सीमित कर दिया गया था:
🔘 A) गंगा के मैदानों में
🔘 B) मराठा क्षेत्र में
🔘 C) समुद्रतटीय उपनिवेशों में
🔘 D) बंगाल के भीतर
प्रश्न 15.
तृतीय कर्नाटक युद्ध के समय फ्रांसीसी और ब्रिटिश सेनाओं की प्रतिद्वंद्विता किस प्रकार की थी?
🔘 A) केवल समुद्री व्यापार की
🔘 B) केवल राजनीतिक
🔘 C) राजनीतिक + सैनिक + व्यापारिक
🔘 D) धार्मिक मतभेदों की
📘 15 उत्तर और व्याख्या
✅ प्रश्न 1:
तृतीय कर्नाटक युद्ध किस वर्ष आरंभ हुआ था?
✔️ उत्तर: B) 1756
📖 व्याख्या:
यह युद्ध यूरोप के "सात वर्षों के युद्ध" (1756–1763) के समानांतर भारत में हुआ, इसलिए इसकी शुरुआत 1756 मानी जाती है।
✅ प्रश्न 2:
वांडीवाश का युद्ध कब लड़ा गया था?
✔️ उत्तर: B) 1760
📖 व्याख्या:
22 जनवरी 1760 को वांडीवाश (तमिलनाडु) में अंग्रेज़ों और फ्रांसीसियों के बीच निर्णायक युद्ध हुआ जिसमें अंग्रेज़ विजयी रहे।
✅ प्रश्न 3:
फ्रांसीसी सेना का नेतृत्व किसने किया था?
✔️ उत्तर: C) काउंट डी लाली
📖 व्याख्या:
फ्रांसीसी सेनापति काउंट डी लाली को फ्रांस से भारत भेजा गया ताकि अंग्रेजों को हराया जा सके। लेकिन रणनीतिक भूलों से वह हार गया।
✅ प्रश्न 4:
अंग्रेजों का नेतृत्व वांडीवाश के युद्ध में किसने किया था?
✔️ उत्तर: B) सर आयर कूट
📖 व्याख्या:
सर आयर कूट (Sir Eyre Coote) ने वांडीवाश युद्ध में अंग्रेजों की कमान संभाली और निर्णायक जीत दिलाई।
✅ प्रश्न 5:
कौन-सी संधि तृतीय कर्नाटक युद्ध की समाप्ति का कारण बनी?
✔️ उत्तर: B) पेरिस संधि
📖 व्याख्या:
1763 की पेरिस की संधि ने युद्ध को समाप्त किया। फ्रांस को व्यापार की अनुमति दी गई पर राजनीतिक हस्तक्षेप की नहीं।
✅ प्रश्न 6:
पेरिस संधि में फ्रांसीसी को भारत में क्या करने की अनुमति नहीं दी गई?
✔️ उत्तर: B) सैन्य किलेबंदी
📖 व्याख्या:
पेरिस संधि में फ्रांसीसी को उनके उपनिवेश लौटाए गए, लेकिन वे भारत में किले नहीं बना सकते थे और कोई सैन्य गतिविधि नहीं कर सकते थे।
✅ प्रश्न 7:
यह युद्ध किस यूरोपीय संघर्ष का हिस्सा था?
✔️ उत्तर: B) सात वर्षों का युद्ध
📖 व्याख्या:
यह युद्ध यूरोप में चल रहे "Seven Years' War (1756–1763)" का ही भारतीय भाग था, जिसमें फ्रांस और ब्रिटेन प्रमुख रूप से भिड़े थे।
✅ प्रश्न 8:
युद्ध के बाद भारत में प्रमुख शक्ति कौन बनी?
✔️ उत्तर: D) अंग्रेज
📖 व्याख्या:
तृतीय कर्नाटक युद्ध ने फ्रांसीसी प्रभाव का अंत कर दिया और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत की सबसे शक्तिशाली यूरोपीय शक्ति बन गई।
✅ प्रश्न 9:
फ्रांसीसी भारत में मुख्यतः किस स्थान से कार्यरत थे?
✔️ उत्तर: C) पांडिचेरी
📖 व्याख्या:
पांडिचेरी (Pondicherry) फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रमुख ठिकाना था। यह तटीय व्यापार का मुख्य केंद्र था।
✅ प्रश्न 10:
बुस्सी किस भारतीय रियासत से संबद्ध था?
✔️ उत्तर: C) हैदराबाद
📖 व्याख्या:
फ्रांसीसी सेनापति बुस्सी ने हैदराबाद के निज़ाम के साथ गठबंधन किया था और दक्षिण भारत में फ्रांसीसी प्रभाव बढ़ाया था।
✅ प्रश्न 11:
काउंट डी लाली को किस युद्ध में हार का सामना करना पड़ा?
✔️ उत्तर: B) वांडीवाश
📖 व्याख्या:
वांडीवाश युद्ध (1760) में काउंट डी लाली की हार ने फ्रांसीसी सत्ता का भारत से लगभग अंत कर दिया।
✅ प्रश्न 12:
वांडीवाश का युद्ध कहां लड़ा गया था?
✔️ उत्तर: B) तमिलनाडु
📖 व्याख्या:
वांडीवाश (Wandiwash) तमिलनाडु में स्थित है, जहां यह निर्णायक युद्ध हुआ था।
✅ प्रश्न 13:
निम्नलिखित में से कौन-सा युद्ध भारत में ब्रिटिश प्रभुत्व की नींव के रूप में देखा जाता है?
✔️ उत्तर: B) तृतीय कर्नाटक युद्ध
📖 व्याख्या:
हालांकि प्लासी (1757) ने कंपनी की शुरुआत की, पर तृतीय कर्नाटक युद्ध ने भारत में फ्रांसीसी प्रतिस्पर्धा पूरी तरह खत्म कर दी, जिससे अंग्रेजों को पूरा अवसर मिला।
✅ प्रश्न 14:
पेरिस संधि के बाद फ्रांसीसी व्यापार को सीमित कर दिया गया था:
✔️ उत्तर: C) समुद्रतटीय उपनिवेशों में
📖 व्याख्या:
पेरिस संधि के बाद फ्रांसीसी केवल coastal trading posts तक सीमित हो गए — जैसे: पांडिचेरी, माहे, चंद्रनगर आदि।
✅ प्रश्न 15:
तृतीय कर्नाटक युद्ध के समय फ्रांसीसी और ब्रिटिश सेनाओं की प्रतिद्वंद्विता किस प्रकार की थी?
✔️ उत्तर: C) राजनीतिक + सैनिक + व्यापारिक
📖 व्याख्या:
यह लड़ाई सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं थी — सैन्य शक्ति और राजनीतिक हस्तक्षेप का भी मुद्दा था। ईस्ट इंडिया कंपनी अब केवल व्यापारी नहीं, राजनीतिक ताकत भी बन रही थी।
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