
रॉलेट एक्ट 1919 | UPSC Insight IAS दृष्टिकोण
UPSC | Modern History | British Policy | Civil Liberties
📌 पृष्ठभूमि:
प्रथम विश्व युद्ध के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत में असंतोष और क्रांतिकारी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एक कठोर कानून बनाया जिसे रॉलेट एक्ट, 1919 कहा गया।
📜 रॉलेट एक्ट क्या था?
- यह कानून बिना मुकदमा चलाए किसी भी भारतीय को दो साल तक जेल में रखने की अनुमति देता था।
- इसमें "नो वकील, नो अपील, नो दलील" की अवधारणा लागू की गई थी।
- प्रेस और जनसभा पर भी कठोर नियंत्रण लागू किया गया।

⚠️ यह कानून क्यों विवादास्पद था?
महात्मा गांधी ने इसे "काला कानून" कहा और इसे भारत के नागरिक अधिकारों पर सीधा हमला माना गया।
🔥 विरोध और आंदोलन:
- रॉलेट सत्याग्रह: महात्मा गांधी द्वारा 1919 में राष्ट्रव्यापी अहिंसक आंदोलन।
- जलियांवाला बाग हत्याकांड: 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में शांतिपूर्ण सभा पर जनरल डायर ने गोली चलवाई।
🧠 Mains विश्लेषण (Insight IAS Style):
Q. "Rowlatt Act undermined the foundations of rule of law in colonial India." Discuss.
रॉलेट एक्ट न्याय की नींव पर हमला था। इसने कानून का शासन समाप्त कर दिया और नागरिक स्वतंत्रता को कुचला। गांधीजी के नेतृत्व में भारत ने एक नई जनचेतना प्राप्त की, जिससे स्वतंत्रता संग्राम को तीव्र बल मिला।
रॉलेट एक्ट न्याय की नींव पर हमला था। इसने कानून का शासन समाप्त कर दिया और नागरिक स्वतंत्रता को कुचला। गांधीजी के नेतृत्व में भारत ने एक नई जनचेतना प्राप्त की, जिससे स्वतंत्रता संग्राम को तीव्र बल मिला।
📝 UPSC Prelims संभावित प्रश्न:
Q. रॉलेट एक्ट से संबंधित कौन-कौन से कथन सही हैं?
- 1. यह न्यायमूर्ति रॉलेट की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों पर आधारित था।
- 2. इसके तहत किसी को बिना मुकदमा चलाए जेल में डाला जा सकता था।
- 3. इससे प्रेस की स्वतंत्रता को बढ़ावा मिला।
उत्तर: केवल 1 और 2 ✔️
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